शुक्रवार, मई 16, 2008

किस्त नंबर वन

सच क्या है सबसे ज्यादा रिझाने वाला किस्सा और किस्सा सबसे बड़ा सच। हम नहीं भूले हैं बचपन की कहानियां जब बीरबल हमेशा अपनी हाजिरजवाबी से न सिर्फ अकबर बलि्क हमें भी अपना फैन बना लेता था। लेकिन नींद बीत जाने के बाद जब जागते थे तो आस पास की दुनिया में किस्से के सच तलाशते आंख दर्द करने लगती थीं।

3 टिप्‍पणियां:

शोभा ने कहा…

सुन्दर अभिव्यक्ति। बधाई स्वीकारें।

सौरभ द्विवेदी ने कहा…

धन्यवाद शोभा जी..सपने तो छोड़िए हकीकत में भी नहीं सोचा था कि ब्लॉग बनाते ही पहले ही दिन कोई प्रतिक्रिया मिल जाएगी। दरअसल ये ब्लॉग मेरे लिए नेट पर अभ्यास करने की तरह है। मेरे यार दोस्त हमेशा शिकायत करते हैं कि मैं बहुत अच्छा किस्सागो बन सकता हूं लेकिन उससे भी बड़ा काहिल बन चुका हूं। मैंने उन्हें गलत साबित करने के लिए तो नहीं हां खुद को सही साबित करने के लिए फैसला किया है कि मैं अपनी फंतासियों को जन्म जरूर दूंगा।

बेनामी ने कहा…

wow.. i am impressed! loved both posts...though i always knew u write so well, i didn't have any opportunity to read! hope to hear more from u soon! i will keep track of it..